Wednesday, 26 October 2016

स्वदेश प्रेम पर निबंध Essay On Country Love In Hindi

स्वदेश प्रेम पर निबंध Essay On Country Love In Hindi Language
“जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं |
वह हृदय नहीं है, पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं ||”
मैथिलीशरण गुप्त की इन काव्य पंक्तियों का अर्थ यह है कि देश-प्रेम के अभाव में मनुष्य जीवित प्राणी नहीं बल्कि पत्थर के ही समान...
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